क्या कन्हैया कुमार के समर्थक फैला रहे हैं फेक न्यूज?

    कन्हैया और उनकी पार्टी के लोग अक्सर भाजपा नेताओं तथा समर्थकों पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब खुद कन्हैया के समर्थक बेगूसराय में उनके खिलाफ खड़े राजद और उसके उम्मीदवार तनवीर हसन के खिलाफ फेक न्यूज प्रसारित करते नजर आ रहे हैं

    सरोज कुमार

    पिछले साल दिसंबर में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मुंबई के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फेक न्यूज का इनसाइक्लोपीडिया कह डाला था. कन्हैया ही नहीं, उनकी पार्टी के अन्य नेता और समर्थक भी भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों पर अक्सर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं. हकीकत भी यही है कि भाजपा नेता और उनके समर्थक कई दफे फेक न्यूज प्रसारित करते नजर आए हैं. लेकिन, लगता है फेक न्यूज की इस ‘इनसाइक्लोपीडिया’ में कन्हैया कुमार भी शामिल हो गए हैं. दरअसल, कन्हैया अब बेगूसराय में अपनी पार्टी सीपीआई से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उनके साथ नजर आने वाले समर्थक तथा उनके नाम से चलने वाले सोशल मीडिया पेज पर बार-बार फेक न्यूज प्रसारित किया जा रहा है. ये फेक न्यूज अक्सर उनके समर्थन में और विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवार तनवीर हसन के खिलाफ होता है. आइए ऐसे कुछ फेक न्यूज और प्रोपगेंडा पोस्ट पर नजर डालें.

    बेगूसराय में 29 अप्रैल को मतदान है और उससे पहले कई दफे कन्हैया समर्थक पेजों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि तनवीर हसन ने कन्हैया के समर्थन में उम्मीदवारी छोड़ दी है. 23 अप्रैल को Azadi Theme नामक फेसबुक पेज ने लिखा कि अब तक की बड़ी खबर, तनवीर हसन ने कन्हैया को समर्थन दे दिया है. इस खबर (फेक न्यूज) को ज्यादा लोगों तक शेयर करने की अपील की गई. जबकि इस संबंध में तनवीर हसन या राजद की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान या संकेत भी नहीं दिया गया है. जाहिर है, यह मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए फैलाया जा रहा है. इसे कुछ अन्य फेसबुक प्रोफाइल से भी शेयर किया गया. यह Azadi Theme पेज पर कन्हैया के समर्थन में खबरें भरी पड़ी हैं. इसे 27 मार्च को यशोदा बेन की तस्वीर के साथ कन्हैया के समर्थन में एक फर्जी संदेश पोस्ट किया कि मेरा बदला कन्हैया ही ले सकते हैं.

    ठीक इसी तरह 22 अप्रैल को बेगूसराय के Deepak Kumar नामक शख्स ने लिखा कि महागठबंधन ने कन्हैया को समर्थन दे दिया है. उसने यह भी लिखा कि बछवाड़ा तेजस्वी ने बड़ा बयान दिया है कि भाजपा को हराना मुख्य लक्ष्य, अगर कन्हैया जीतता है तो जीतने दो. जबकि हकीकत में तेजस्वी का ऐसा की बयान सामने नहीं आया है. यह दीपक कुमार कन्हैया के साथ अक्सर नजर आते हैं और उनका प्रचार करते दिख जाते हैं. दीपक कुमार ने 17 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड की कन्हैया से जुड़ी एक खबरे शेयर करते हुए लिखा कि कांग्रेस परिवार का ऑफिसियल समर्थन मिल गया है. पर उस खबर में कहीं कोई ऐसी बात नहीं थी.

    नोमिनेश से पहले भी फेसबुक और सोशल मीडिया पर इसी तरह की फेक न्यूज प्रसारित की गई कि कन्हैया के समर्थन में तनवीर हसन ने नोमिनेशन नहीं करने का फैसला लिया है.

    इसी तरह Abhishek Anand नामक शख्स ने फेसबुक पर 31 मार्च पोस्ट किया कि राजद कार्यकर्ता ने बेगूसराय में कन्हैया की मदद करने का ऐलान किया है. जबकि किस कार्यकर्ता या कार्यकर्ताओं ने यह ऐलान किया है, इसकी कोई जानकारी नहीं थी. अभिषेक आनंद बिहार में एआइएसएफ (कन्हैया की पार्टी के छात्र संगठन) से जुड़े रहे हैं. इसी शख्स ने 23 मार्च को पोस्ट किया कि राहुल गांधी ने कहा है कि कन्हैया बेगूसराय से सांसद बनें. फिर उसने 2 अप्रैल को आजादी थीम पेज की एक पोस्ट शेयर की जिसमें लिखा है कि महागठबंधन में राजद अलग-थलग पड़ गई है और कांग्रेस ने कन्हैया का समर्थन कर दिया है. जाहिर है, आजादी थीम, अभिषेक आनंद, दीपक कुमार और कन्हैया के समर्थन वाले कई पेज एक-दूसरे की खबरें शेयर करते हैं यानी आपसी नेटवर्क की तरह जुड़े हुए हैं.

    बेगूसराय के जननायक चंद्रशेखर पुस्तकालय नामक पेज ने 9 अप्रैल को रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय में प्रचार किया. जबकि यह सही खबर नहीं थी और उस पोस्ट में अदिति सिंह की रायबरेली की तस्वीरें शेयर कर दी गई थीं. वहीं Rajesh Nokhwal Hanumangarh नामक प्रोफाइल ने 15 मार्च को लिखा कि बेगूसराय में भाजपा मैदान छोड़कर भाग गई है और सुनने को मिल रहा है कि भाजपा अपना उम्मीदवार वहां नहीं उतार रही है.

    इसी तरह Nikhil Jha ने 29 मार्च को राजू सिंह नामक शख्स की एक पोस्ट लिखी जिसमें लिखा है कि ‘कन्हैया कुमार की जीत सुनिश्चित है. अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार आए कन्हैया के समर्थन में.’ लेकिन नीतीश कुमार का वह बयान (वीडियो) 4 मार्च, 2016 का ही था, जब नीतीश भाजपा के साथ नहीं आए थे. यह निखिल झा नामक शख्स भी बिहार में एआइएसएफ से जुड़े रहे हैं.

    यहां तक कि Kanhaiya Kumar नाम से बनी एक फेसबुक पेज भी फेक न्यूज या फोटो प्रसारित करता नजर आता है. उसने 1 अप्रैल को दक्षिण भारत संभवतः केरल की लेफ्ट की एक बाइक रैली की तस्वीर को बेगूसराय का बताकर पोस्ट किया. इस पेज को करीब दो लाख लोग फॉलो करते हैं.

    जाहिर है, इन जैसे पेज कन्हैया के समर्थन में नेटवर्क की तरह काम कर रहे हैं और एक-दूसरे के पोस्ट भी शेयर करते हैं. ये कन्हैया के समर्थन में फेक न्यूज प्रसारित करने से भी नहीं चूक रहे. यह भाजपा के फेक न्यूज फैलाने वाले समर्थक सोशल मीडिया पेजों की तरह ही हैं.