मायावती की अनुपस्थिति में भतीजे आकाश का सियासी आग़ाज!

    मायावती की अनुपस्थिति में उनके भतीजे आकाश ने किया आगरा रैली को संबोधित, कहा कि विरोधियों की जमानत जब्त करवाना ही चुनाव आयोग को सही जवाब होगा

    द मार्जिन टीम

    सतीशचंद्र मिश्र और अजीत सिंह के साथ कुर्सी पर बीच में बैठे आकाश आनंद (फोटोः सपा का ट्विटर हैंडल)

    चुनाव आयोग की ओर से 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बसपा प्रमुख मायावती आगरा में आज महागठबंधन की अपनी रैली को संबोधित नहीं कर सकीं. उनकी जगह उनके भतीजे आकाश आनंद ने रैली को संबोधित करते हुए महागठबंधन उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे विरोधियों की जमानत जब्त करवाएं, यही चुनाव आयोग को सही जवाब होगा. आकाश आनंद ने “जय भीम” के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “आज आप लोग बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरी बुआ जी की अपील पर यहां इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए हैं तो इसके लिए हम लोग आप सभी लोगों का बहुत-बहुत आभारी हैं. मैं आज आप लोगों के सामने पहली बार आया हूं. ” उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा,“सामने वाले की जमानत जब्त कराएंगे तभी फिर ये आप सभी का मुख्य चुनाव आयोग को सही जवाब होगा.”

    इसके साथ ही इसके संकेत साफ हो गए हैं कि बसपा में नई पीढ़ी की लीडरशिप के रूप में आकाश पहले पायदान पर नजर आते हैं. हाल ही में आकाश बसपा प्रमुख मायावती के साथ विभिन्न सभाओं और रैलियों में नजर आना शुरु हुए हैं. वे बसपा के स्टार प्रचारकों में भी शामिल हैं. वे मायावती के भाई आनंद के भाई हैं. आकाश ने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की है.

    पिछले पांच साल में देश ने कई दलित आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन देखे हैं और इनमें दलित युवाओं की बड़ी भूमिका रही हैं. उत्तर प्रदेश में भी सहारनपुर में भीम आर्मी जैसे संगठन का उदय हुआ और उसके प्रमुख चंद्रशेखर नए युवा दलित चेहरे के तौर पर उभरे हैं. जाहिर है, बसपा को भी किसी नए युवा चेहरे की जरूरत है. शायद यही वजह है कि करीब दो साल से आकाश कथित तौर पर मायावती के सानिध्य में पार्टी और राजनीति का कामकाज सीख रहे हैं. करीब दो साल पहले लंदन से वापस लौटने के बाद ही आकाश को बसपा कार्यकर्ताओं से सार्वजनिक तौर पर परिचित करवा दिया गया था. जाहिर है, बसपा को आकाश के रूप में एक नया युवा चेहरा मिल गया है.