अलवर गैंगरेप पर मोदी के “घृणित राजनीति” पर मायावती का तीखा पलटवार

    बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मोदी ने भाजपा शासित राज्यों में दलित उत्पीड़न के मामलों पर कोई कारवाई नहीं की है.  ऐसे में अलवर मामले पर मोदी को सलाह देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

    अतुल आनंद

    सुश्री मायवती
    सुश्री मायवती (फोटो: sushrimayawati.in)

    नरेंद्र मोदी ने कल उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में एक चुनावी रैली की थी. वहां मोदी ने “दलित बेटी” के गैंगरेप के मुद्दे को हथियार बना बसपा प्रमुख मायवती पर निशाना साधा. मोदी ने कहा कि राजस्थान सरकार बहनजी (मायावती) के समर्थन से चल रही है. अगर उन्हें दलितों की परवाह है तो उन्हें तुरंत राज्यपाल को चिट्ठी लिख सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए.

    मोदी के बयान को बताया चुनावी ड्रामेबाजी

    आज जवाब में मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी पर तीखा पलटवार किया. मायावती ने सवाल उठाया कि भाजपा शासित प्रदेशों में हुए दलित उत्पीड़न की घटनाओं के बाद अब तक मोदी ने क्यूँ नैतिक आधार पर इस्तीफे की पेशकश तक नहीं की? उन्होंने रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या, ऊना और सहारनपुर की घटनाओं का हवाला दिया. मायावती ने कहा, “उत्तरप्रदेश में दलित वर्ग के लोग अभी भी सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर कांड को भूलें नहीं है”. मायावती ने मोदी के बयान को महज एक चुनावी स्टंट बताया, “नरेंद्र मोदी ने दलितों के वोटों को लुभाने के लिए नकली दलित प्रेम दिखाने की ड्रामेबाजी की है. उससे उनको चुनाव में कुछ हासिल नहीं होने वाला है.” मायावती ने मोदी पर अवसरवादिता और “घृणित राजीनीति” करने का आरोप लगाया, “अलवर मामले पर मोदी चुप थे. मेरे बोलने के बाद वह इस मामले पर घृणित राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे है”.

    मायावती ने उत्तरप्रदेश और पूरे देश में दलित महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की बात उठाई. उन्होंने कहा कि आज तक नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं पर विरोध में न कभी खुलकर बोला या गंभीरता से कोई कारवाई की. उन्होंने कहा कि मोदी ने भाजपा शासित राज्यों में इन मामलों की वजह से वहां के मुख्यमंत्री या अपने केंद्रीय मंत्री कभी से इस्तीफा नहीं लिया. मायावती ने आगे कहा, “ऐसे में अलवर मामले पर मोदी को सलाह देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है”.

    अपने पलटवार में कोई कसर नहीं छोड़ी

    मोदी सरकार में हुए लगभग हर दलित उत्पीड़न के मामले को मायावती ने उठाया. वह मामला चाहे रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या का हो या फिर ऊना में दलित उत्पीड़न का या फिर सहारनपुर की घटना. साथ ही उन्होंने मोदी का अपने पत्नी के प्रति व्यवहार पर भी प्रश्न उठाए. मायावती ने कहा, “ये (मोदी) दूसरों की बहन-बेटियों की इज्जत करना क्या जाने जब ये अपने राजनैतिक स्वार्थ में अपनी बेकसूर पत्नी को भी छोड़ चुके है”. मायवती ने देश की औरतों से अनुरोध किया कि वह इस तरह के आदमी को अपना वोट न दें.

    मोदी के ‘गरीब’ जाति की पोल खोली

    मायावती ने कहा कि मोदी इस लोकसभा चुनाव अपनी पार्टी की खराब स्थिति को देखते हुए अपनी जाति बदलते रहे है. इसलिए पिछले कुछ दिनों से अपनी जाति गरीब बता रहे है. मायावती ने मोदी के पुराने रिकॉर्ड की बात करते हुए कहा, “मोदी देश में अति पिछड़ों के वोटों को लुभाने के लिए खुद को अति पिछड़ा भी बताते थे”. मायावती ने नोट बंदी की वजह से हुई मौतों और रोजगार के छिने जाने का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा, “अगर मोदी को गरीबों की थोड़ी सी भी चिंता होती तो ऐसे गलत कदम न उठाते. इसलिए नरेंद्र मोदी न तो गरीब है और न फकीर है”. उन्होंने कहा कि मोदी गरीबों के वोट के स्वार्थ के लिए अपने को गरीब बताने का कोरा नाटक कर रहे है.

    राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लेने के दिए संकेत

    मायावती ने अलवर गैंगरेप मामले को लेकर राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा समय से उचित और सख्त कारवाई न किए जाने की बात भी अपने प्रेस कांफ्रेंस में की. इस वजह से मायावती ने राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लेने के संकेत भी दिए है. लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का चुनाव 19 मई को है. उसको लेकर मायावती ने मतदाताओं से अपील है कि वे भाजपा के हथकंडों से सावधान रहे. मायावती ने कहा, “इनको (भाजपा) जवाब सत्ता में बाहर कर के देना होगा”.