बिहार: सीतामढ़ी में दो दलित बहनों के साथ गैंगरेप, तीन दिन तक थाने के चक्कर लगवाए!

बिहार के सीतामढ़ी में दो दलित और सगी नाबालिग बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार और उसका वीडियो बनाने का संगीन मामला सामने आया है. राज्य में इस साल बलात्कार में 23 फीसदी तो हत्या में 38 फीसदी की वृद्धि नजर आ रही.

द मार्जिन टीम

फोटो: स्क्रीनग्रैब/गूगल मैप्स

देश में औरतों के साथ अपराध की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. अब बिहार के सीतामढ़ी में दलित समुदाय की दो सगी बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार का खौफनाक मामला सामने आया है. रिपोर्टों के मुताबिक, सीतामढ़ी जिले के कन्हौली थाना क्षेत्र की दोनों नाबालिग बहनों को तीन दिन पहले उनके घर से हथियार के दम पर आठ लोगों ने अपहरण कर लिया और फिर पास के खेतों में ले जाकर उनके हाथ-पैर बांधकर बलात्कार किया. पीड़िताओं के पिता बाहर काम करते हैं. आरोपियों ने कथित तौर पर उसका वीडियो भी बना लिया और फिर उस वीडियो के जरिए दोनों बहनों को ब्लैकमेल करते रहे. एक पीड़िता 14 साल तो दूसरी 16 साल की बताई जा रही है.

पुलिस ने मामला दर्ज करने में देरी की

इस वारदात की जानकारी पीड़िताओं से मिलने पर उनके परिजन एफआइआर दर्ज कराने कन्हौली थाना गए. लेकिन परिजनों का आरोप है कि वहां के पुलिस वालों ने एससी-एसटी थाने का मामला होने की बात कहकर उन्हें भगा दिया. फिर जब पीड़िताएं सीतामढ़ी एससी-एसटी थाना गईं तो थानेदार की छुट्टी पर रहने की बात कहकर उन्हें वहां से भी बैरंग लौटा दिया गया. जाहिर है वे इस थाने से उस थाने चक्कर काटती रहीं. आखिरकार तीन दिन बाद 21 जून को पीड़ित परिवार वीडियो फुटेज लेकर फिर महिला थाने पहुंचा, तब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया और पीड़िताओं को मेडिकल जांच के लिए भेजा. अब पुलिस का कहना है कि वह आरोपियों की धड़-पकड़ कर रही है. लेकिन आरोपों से जाहिर है कि पुलिस ने मामले में टाल-मटोल का रवैया अपनाया. इससे राज्य में जदयू-भाजपा सरकार के सुशासन की पोल खुल रही है. कांग्रेस-शासित राजस्थान के अलवर में भी एक दलित महिला के साथ गैंगरेप का ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसके विरोध में प्रदर्शन हुए थे. इसी तरह अलीगढ़ में भी बच्ची की हत्या को लेकर भी देशभर में भारी हंगामा हुआ था. क्या इन दोनों दलित बहनों की भी कोई सुनवाई होगी?

बिहार में इस साल जनवरी-मार्च के दौरान रेप में 23 % और हत्या में 38% वृद्धि

इस महीने बिहार में बच्चियों और महिलाओं के साथ अपराध की यह कोई इकलौती घटना नहीं हैं. राज्य के विभिन्न इलाकों से लगातार ऐसी अपराध के मामले सामने आ रहे हैं. 6 जून को पटना से सटे बाढ़ थाना क्षेत्र में दो मुस्लिम सगी नाबालिग बहनों की हत्या कर दी गई थी. वहीं भागलपुर में 5 जून की रात को एक 22 वर्षीया युवती का बलात्कार करके उसे जिंदा जलाकर मार डालने का मामला सामने आया था. अभी हाल ही में 18 जून की रात को राजधानी पटना में राजेंद्र नगर पुल के पास एक 19 वर्षीया युवती के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी. इसी तरह 5 जून को रोहतास में एक दलित किशोरी के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था.

बिहार पुलिस के आंकड़े भी इस साल राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले बढ़ने की गवाही देते हैं. फिलहाल, बिहार पुलिस ने इस साल जनवरी से मार्च तक के अपराध आंकड़ों जारी किए हैं. उसके मुताबिक, इस साल जनवरी में बलात्कार के 104 मामले दर्ज हुए थे, जो फरवरी में 16 फीसदी बढ़कर कुल 121 हो गए थे. वहीं मार्च में भी इनकी संख्या 128 हो गई. इसी तरह हत्या के मामले भी जनवरी में 212 थे, जो फरवरी में 221 तो मार्च में 32 फीसदी बढ़कर 292 हो गए. जाहिर है, राज्य में जद(यू) और भाजपा की सरकार जिस सुशासन का ढिंढोरा पिटती है, ये आंकड़े उस पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं.

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