आर्टिकल 370 और कश्मीर में प्लाट

    चूंकि सीधे तौर पर हम प्रभावित नही हैं इसलिए घाटी में प्लाट खरीदने के लिए तैयार हैं. खबरदार रहिये, वहां प्लाट मिले ना मिले, आपके प्लाट को लेने की व्यवस्था सरकार ने कर लिया है.

    विवेक आनंद

    भाजपा सरकार ने आर्टिकल 370 में बदलाव कर उसे निष्प्रभावी बना दिया है और कश्मीर से आर्टिकल 35A को भी हटाए जाने की बात हो रही है. कश्मीर में करीब 10,000 और सैनिक भेजे गए हैं. हमारे समाज का एक अच्छा खासा तबका कर्फ्यू के हालात में जी रहे कश्मीरीयों के प्रति इतना असंवेदनशील दिख रहा है कि इन घटनाओं के बाद कश्मीर में प्लाट खरीदने की योजना बना रहा है. इन घटनाओं पर पढ़ें विवेक आनंद का यह व्यंग्य:

    जो लोग भी कश्मीर में बियाहने-बसने-प्लाट खरीदने का पिलान बना रहे हैं भोज-भात में जरुर बुलायियेगा. रुकिए-रुकिए, कुछ तैयारियां तो कर लीजिये. एक बढ़िया दुर्घटना बीमा करा लीजिये, पर-परुआर के लिए ठीक रहेगा. एक बुलेट-प्रूफ़ जाकिट जरुर रख लीजिएगा, ठंडी लगे ना लगे गोली लगने का ख़तरा बना रहेगा, किधर का भी लग सकता है. लाल-रंग का चश्मा जरुर खरीद लीजिएगा, क्या है ना “खून-खराबा” आपको सामान्य दिखाई देगा, ब्लड परेसर नहीं बढेगा. सैनिकों के बीच ही रहना है तो काहे नही मिलिट्री कैंट में दू-कट्ठा जमीन लेके धनकुट्टी के मशीन लगा लेते हैं.

    स्त्रोत: व्हाट्सअप्प
    जिनका फैसला हुआ वो कहाँ थे?

    कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार के बिना ऐसे फैसले लेना और संविधान-संशोधन का मतलब ये है कि बिहारियों का फैसला बिना बिहारियों के कर सकेंगे, आदिवासियों का फैसला बिना अदिवासियों के कर सकेंगे, संविधान के शेड्यूल 5 और 6 के जिलों का यही हाल होना है. हर किसी का फैसला उसकी गैर-मौजूदगी में कर सकेंगे.

    इस फैसले का विवरण मागेंगे तो वो नही देंगे क्योंकि सूचना के अधिकार में संशोधन कर दिए गए हैं. इस फैसले का विरोध करेंगे तो संशोधित UAPA लगा के जेल में डालेंगे.

    चूंकि सीधे तौर पर हम प्रभावित नही हैं इसलिए घाटी में प्लाट खरीदने के लिए तैयार हैं. खबरदार रहिये, वहां प्लाट मिले ना मिले, आपके प्लाट को लेने की व्यवस्था सरकार ने कर लिया है. समय का इंतज़ार कीजिये, आपका टाइम आएगा.

    लेखक टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई में पीएचडी स्कॉलर है

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